


मध्यप्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता और नियंत्रण को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब राशन में चावल की जगह गेहूं की मात्रा बढ़ाई जाएगी, जिससे कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सके। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इस संबंध में केंद्र सरकार से औपचारिक आग्रह किया है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री से की मुलाकात
इसी सिलसिले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से दिल्ली में मुलाकात की। बैठक में मंत्री राजपूत ने बताया कि अक्सर व्यापारी हितग्राहियों से कम कीमत पर चावल खरीदकर उसे खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेच देते हैं, जिससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता है।
मंत्री ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली और उपार्जन केंद्रों में सुधार की आवश्यकता जताई। उन्होंने केंद्र सरकार से ₹1500 करोड़ के अनुदान की शीघ्रता से स्वीकृति और भुगतान की भी मांग की। साथ ही NFSA डेटा अपलोड की अनुमति देने का आग्रह किया गया, जिससे पात्र हितग्राहियों तक सही समय पर लाभ पहुंचाया जा सके।
अन्य प्रमुख मांगें
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने वर्ष 2014–2019 के दौरान मोटे अनाज के उपार्जन को स्वीकृति देने की बात कही। इसके अलावा: सहकारी संस्थाओं को राहत देने, उपार्जन पर कमीशन को ₹43 प्रति क्विंटल करने, मजदूरी खर्च को ₹23 प्रति क्विंटल तक बढ़ाने जैसी मांगें भी रखी गईं।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्य की सभी मांगों पर सकारात्मक विचार और आवश्यक पहल का आश्वासन दिया।